Duration of graduation course is 4 years instead of 3 years: अगर आप स्नातक करना चाह रहे हैं तो आपके लिए काफी बड़ी खबर आ चुकी है और स्नातक की कोर्स की पढ़ाई 3 वर्ष की बजाय 4 वर्ष की होगी। इसके साथ ही आपको परास्नातक की भी डिग्री मिलेगी। पूरी जानकारी आज के पोस्ट के माध्यम से बताई गई है। राजेश सिंह राजू भैया राज्य विश्वविद्यालय में जितने भी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं या फिर नए सत्र में छात्र दाखिला लेना चाह रहे हैं। उनके लिए बहुत अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय कैंपस और मंडल के संबंध 703 ऐसे कॉलेज हैं जहां नये सत्र से स्नातक के लिए 4 वर्षीय पाठ्यक्रम अब संचालित किए जाने वाले हैं। यानी पहले स्नातक बीए बीएससी बीकॉम के लिए 3 वर्ष की पढ़ाई करनी पड़ती थी लेकिन अब यह चार वर्ष में पूरा करना होगा लेकिन एक खुशखबरी भी है कि परास्नातक की साथ में डिग्री मिलेगी। पूरी जानकारी विस्तार से बताई गई है।
विश्वविद्यालय की तरफ से आप बताया गया की 4 वर्ष इस स्नातक करने वाले जितने भी विद्यार्थी हैं पीएचडी करने के लिए यह आप पात्र होंगे। लेकिन उन्हें शोध के दौरान 1 वर्ष का कोर्स वर्क और अनिवार्य है। मल्टीप्ल एग्जिट और मल्टीप्ल एंट्री का विकल्प यहां पर दिया जाएगा। अब छात्र जितने साल की पढ़ाई करेंगे उन्हें उतने ही साल की डिग्रियां दी जाएगी। कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह की तरफ से यह बताया गया कि प्रथम की पढ़ाई अगर पूरा करते हैं तो उसका सर्टिफिकेट मिलेगा। 2 वर्ष पर भी डिप्लोमा मिलेगा। 3 वर्ष पर स्नातक और 4 वर्ष में शोध सहित ऑनर्स स्नातक की डिग्री भी दी जाएगी। वही 1 साल की और पढ़ाई अगर छात्र करते हैं तो उन्हें स्नातक की भी उपाधि प्रदान की जाएगी और यह सभी फैसले नई शिक्षा नीति के तहत दिए गए हैं यानी अन्य कुल 5 वर्ष का छात्र कोर्स करते हैं तो इसमें स्नातक के साथ परास्नातक की डिग्री मिलेगी।
छात्रों को सीधे चौथे साल में किया जाएगा प्रमोट
राज्य विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध कॉलेजों में वर्तमान में जितने भी पंजीकृत कोर्स हैं बीए बीएससी बीकॉम यहां पर जो भी छात्र पंजीकृत है यह 3 साल की अगर पढ़ाई पूरी कर लिए हैं तो इन्हें सीधे 4th साल में प्रमोट कर दिया जाएगा और यह विद्यार्थी 4 वर्ष का स्नातक पूर्ण करने के बाद एक वर्ष का परास्नातक पाठ्यक्रम भी आसानी से कर सकेंगे। यूजीसी के माध्यम से 4 वर्ष के स्नातक विद्यार्थियों को सीधे नेट परीक्षा में सम्मिलित होने और पीएचडी पाठ्यक्रम प्रवेश लेने की यह बड़ी सुविधा प्रदान की गई है। वहीं पर कुलपति प्रोफेसर सिंह की तरफ से बताया गया कि सभी महाविद्यालय अपने यहां पंजीकृत विद्यार्थियों को चतुर्थ वर्ष में प्रमोट होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके साथ ही जो 2 वर्ष के परास्नातक पाठ्यक्रम में भी लैटरल एंट्री के माध्यम से प्रवेश दिए जाएंगे। यदि ऐसे विद्यार्थी एक वर्ष पूर्ण करने के बाद बहु निकास की सुविधा ले लेते हैं तो उन्हें एक वर्ष का पढ़ाई स्नातक कोर्स का डिप्लोमा दिया जाएगा। 2 वर्ष सफलता पूर्ण करने पर उन्हें परास्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी।