वहीं पर न्यायमूर्ति सब्यसाची दत्ता पूर्व कायस्थ के द्वारा राज्य सरकार को जितने भी सेवानिवृत्ति आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है व सहायिका है इनको ब्याज सहित ग्रेजुएट का लाभ प्रदान किया जाए। ऐसा आदेश जारी किया गया है। वहीं पर आंगनबाड़ी याचिका कर्ताओं के अधिवक्ता बर्मन की तरफ से कहा गया कि इस फैसले से 20 हजार से ज्यादा ऐसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका है जिनको लाभ दिया जाएगा। अधिवक्ता बर्मन के माध्यम से बताया गया कि कम वेतन पाने वाले कर्मचारी ने बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को खाली हाथ घर लौटना पड़ता है। जिस वजह से उन्हें इस ग्रेच्युटी का लाभ मिलना चाहिए।
वहीं पर उच्च न्यायालय गुजरात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के एक मामले में सुनवाई की गई थी। जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिलाओं को जमीनी पर उनके महत्वपूर्ण भूमिका को पहचान गया और इसके बाद उन्हें ग्रेच्यूटी का लाभ दिए जाने का आदेश उच्चतम न्यायालय के माध्यम से दिया गया है। अब उच्चतम न्यायालय के फैसले को ही ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा उच्च न्यायालय के माध्यम अपने आदेश जारी किया कि राज्य सरकार बिना किसी देरी के ग्रेच्यूटी का भुगतान प्रदान करें। अब बड़ी संख्या में श्रमिकों को इस फैसले से काफी महत्वपूर्ण लाभ होने वाला है।
इस जारी हुए आदेश के बाद ग्रेच्युटी का लाभ इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मिलेगा और रिटायरमेंट के 30 दिन के भीतर ही उन्हें यह ग्रेच्यूटी का लाभ भुगतान किया जाएगा और सरकार अगर तनिक भी देरी करती है ग्रेच्यूटी का लाभ देने में तो ब्याज सहित धनराशि आगे उनकी बढ़ती चली जाएगी और ब्याज सहित धनराशि सरकार को देना पड़ेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के लिए यह काफी महत्वपूर्ण फैसला है और आंगनबाड़ी कर्मचारियों किया बड़ी जीत मानी जा रही है। क्योंकि आंगनबाड़ी कर्मचारी को काफी अल्प मानदेय मिलता है और अल्प भुगतान उनके जीवन के लिए पर्याप्त नहीं होता है। इस वजह से यह ग्रेच्युटी का लाभ दिए जाने का आदेश जारी किया गया अन्य राज्यों में भी यह फैसला लागू हो सकता है।