BED GOOD NEWS: B.Ed अभ्यर्थियों के लिए इस समय कई बड़ी खुशखबरिया लगातार देखने को मिल रही है। 2023 में बीएड अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से प्राथमिक से बाहर निकाला गया था। लेकिन वर्ष 2024 में ऐसे ढेर सारे आदेश जारी हुए हैं। जिसके बाद बीएड अभ्यर्थियों में थोड़ा सा खुशी देखने को मिल रही है। एक बार फिर से जबलपुर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के माध्यम से बीएड अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी दी जा चुकी है और जबलपुर के उच्च न्यायालय के माध्यम से आदेश भी पारित किया गया है आखिर किस संबंध में आदेश पारित किया गया और बीएड अभ्यर्थियों के लिए क्या खुशखबरी है यह सभी छात्रों को जरूर जानना चाहिए।
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जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के माध्यम से प्रधान पीठ के द्वारा बीएड की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका है खारिज कर दी गई है। इन याचिकाओं में कहा गया था कि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक पद पर बीएड अभ्यर्थी तैनात है इनकी नियुक्ति रद्द किया जाए। क्योंकि यह भी योग्यता नहीं पूरी करते क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा 11 अगस्त 2023 को आदेश दिया था। इस आदेश का पालन मध्य प्रदेश राज्य में होना चाहिए। लेकिन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के माध्यम से इस याचिका को खारिज कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सेल लघु और न्यायमूर्ति अमरनाथ केसरवानी के माध्यम से यह आदेश पारित किया गया है। अभ्यर्थियों ने बीएड की नियुक्ति को लेकर यह चुनौती दी थी अभ्यर्थियों ने देवेश शर्मा बना सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के आदेश का हवाला दे रहे थे। जो कि बीएड उम्मीदवार प्राथमिक शिक्षक के लिए अर्हता नहीं प्राप्त करते हैं इस याचिका के विरोध करने वाले वकील नरेंद्र पाल सिंह रुपाराम की तरफ से बताया गया सुप्रीम कोर्ट का आदेश संभावित है और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई महीने पहले मार्च 2023 में नियुक्त किया गया है तो ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले जब उनकी नियुक्त हुई है तो उनकी नियुक्ति अब रद्द करना सही नहीं है।
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उत्तर प्रदेश राज्य के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में आदेश जारी किया था आप सभी को बता दिया जाता है कि उत्तर प्रदेश राज्य में शिक्षक के पद पर नियुक्त है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों को निकाला नहीं जाएगा इन्हें 6 महीने की ब्रिज कोर्स कराया जाएगा। ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है ठीक इसी प्रकार मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी ऐसे ही याचिका को खारिज कर दिया कुल मिलाकर 2023 के पहले नियुक्त सभी बीएड अभ्यर्थी सुरक्षित है।