BED News: जितने भी बीएड करने वाले अभ्यर्थी हैं इन्हें सरकारी नौकरियां मिल पाएंगी या फिर नहीं मिल पाएंगी इसका डर हमेशा अभ्यर्थियों को लगा रहता है। क्योंकि जितने भी अभ्यर्थी हैं अब बीएड के कोर्स में बिल्कुल भी मन नहीं लगा रहे हैं और बीएड कोर्स न करने का सबसे बड़ा कारण भी है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि प्राथमिक से बीएड अभ्यर्थी बाहर कर दिए गए हैं जिस वजह से बीएड के जो एडमिशन हो रहे हैं वहां पर आधी सीट भी नहीं भर पा रही है।
अगर आप सरकारी नौकरी पाने की चाह में बैठे हुए हैं तो यहां पर बीएड की पढ़ाई से छात्रों का मोह भंग हो गया है और यह देखने को मिला है कि बीएड दाखिले में केवल सिर्फ दो लाख ही आवेदन इस बार प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश में B.Ed की कुल सीटों की संख्या काफी कम है। लेकिन पिछले वर्ष की सीटों की तुलना की बात कर लिया जाए तो दोगुनी आवेदन पिछले वर्ष प्राप्त हुए थे। लेकिन इस बार बीएड की सीट नही भर पाई हैं यानी कि सीटों के बराबर भी आवेदन नहीं आए हैं।
यूपी बीएड में इसलिए नहीं हो रहे आवेदन ( UP Bed 2024 Latest News )
उत्तर प्रदेश B.Ed की पढ़ाई को अभ्यर्थी करना चाहते हैं लेकिन बहुत से अभ्यर्थी ऐसे हैं कि बीएड की पढ़ाई ही नहीं करना चाहते हैं। क्योंकि एक समय था जब बीएड का क्रेज काफी ज्यादा था। लेकिन अब बीएड का क्रेज ज्यादा नहीं है। बीएड क्रेज हो जाने की वजह से कई नए कॉलेज भी खुल गए थे और वर्तमान में कुल 2500 से अधिक बीएड के वर्तमान में कॉलेज हैं। जहां पर ढाई लाख से अधिक सीट खाली है इतनी सीट खाली हो जाने के बाद भी दाखिले अब नहीं हो रहे हैं पहले दाखिलों के लिए काफी मारामारी रहती थी लेकिन अब दाखिलों के लिए ज्यादा आवेदन ही नहीं आ पा रहे हैं।
वर्ष 2021 में कुल सीट 2 लाख 51000 थी तो वहीं पर 5 लाख 91000 आवेदन आए थे। 2022 में 225000 सीट थी तो 670000 आवेदन आए थे। 2023 में 245000 सीट थी और 474000 आवेदन आए थे। लेकिन 2024 में 245000 सीट हैं लेकिन आवेदन मातृ 230000 ही आए हैं अब इन आंकड़ों के रुझानों को देखा जाए तो बीएड के प्रति अभ्यर्थियों का रूझान घट गया है।
जान लीजिए B.Ed के प्रति मोह भंग का कारण ( BED Latest Update )
आप सभी की जानकारी के लिए बता देते हैं उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय में अभी तक बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए मान्य किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए आयोग्य ठहराया गया था। इस वजह से बीएड एडमिशन में अभ्यर्थियों का रुझान घट रहा है और डीएलएड की तरफ अभ्यर्थियों का रुझान बढ़ रहा है। इस वजह से बीएड के एडमिशन ज्यादा नहीं हो पा रहे हैं और सीट खाली जा रही हैं एक समय ऐसा था जब डीएलएड में एडमिशन काफी कम मात्रा में हुआ करता था और बीएड में काफी ज्यादा मात्रा में एडमिशन हुआ करता था। लेकिन अब समय ऐसा आ चुका है कि डीएलएड में अभ्यर्थी काफी ज्यादा मात्रा में एडमिशन ले रहे हैं तो वहीं पर बीएड में अभ्यर्थी वर्तमान में कम एडमिशन ले रहा है क्योंकि बीएड को प्राथमिक से बाहर किया गया है तो बीएड का क्रेज भी खत्म हो चुका है।