Contract Workers Permanent Good News: सरकार के माध्यम से संविदा पर लगे कर्मियों को स्थाई करने का फैसला लिया है। राजस्थान में नरेगा में संविदा पर लगे कुल 1500 वर्कर को स्थाई करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह कार्मिक महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत जो कि राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल रूल्स 2022 के जरिए नियुक्त प्राप्त किए थे। ऐसे 1500 से अधिक कार्मिक को स्थाई किया जाएगा।
जो भी ऐसे संविदा कार्मिक नव वर्ष से अधिक अवधि पूर्ण कर चुके हैं और संतोषजनक सेवा किए हैं उन कार्मिकों को स्थाई करने का सरकार के द्वारा फैसला लिया गया है और यह खबर राजस्थान के कार्मिकों के लिए है। राजस्थान में 1500 से अधिक है नरेगा के अंतर्गत 1500 कार्मिक कार्य कर रहे हैं जिनको सरकार स्थाई करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के माध्यम से समस्त जिलों मजिस्ट्रेट को यहां निर्देशित किया गया है कि 11 जनवरी 2022 को जो राजस्थान कांट्रेक्चुअल टू सिविल फोर्स रूल्स 2022 का आदेश जारी था। इसके तहत ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से प्रशासनिक नियंत्रण में जो 4966 पद की प्रशासनिक स्वीकृति 7 मार्च को जारी हो चुकी है। अब इसके अंतर्गत नरेगा में संविदा कार्मिक जो की 9 साल या उससे अधिक सेवा पूर्ण कर चुके उनकी स्कैनिंग कराई जा रही है और इन्हें जिला स्तरीय कमेटी के माध्यम पात्रता की जांच की जाएगी और इनका सत्यापन का कार्य किया जाएगा।
इन संविदा कर्मियों को स्थाई करने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के माध्यम से एक आदेश जारी किया गया था। इस आदेश के जरिए जिला मजिस्ट्रेट को यह निर्देश जारी किया गया था कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत जो भी कार्मिक नव वर्ष से ज्यादा अधिक पूर्ण कर चुके हैं उनका स्कैनिंग किया जाए और उनकी पात्रता चेक किया जाए इसके बाद उनके दस्तावेज सत्यापन किया जाए। आपको बता दिया जाता है इन कार्मिकों की 9 साल की अवधि की गणना 1 अप्रैल 2024 के आधार पर होगी।
यूपी सहित अन्य राज्यों में लाखों की संख्या में है संविदा कार्मिक
उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित विभिन्न राज्य में ऐसे तमाम संविदा कार्मिक है जो कि परमानेंट किये जाने की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र सहित ऐसे हजारों की संख्या में कर्मचारी हैं जो कि संविदा के पद पर कार्य कर रहे हैं और यह नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं इसके अलावा अन्य राज्य में भी ऐसे हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारी हैं जो कि नियमितीकरण के मांग कर रहे है।