NEET UG Exam Cancel News: नीट यूजी पेपर लीक मामले में एक बार सुप्रीम कोर्ट ने फिर से काफी सख्त रूप अपनाया है। इस बार सख्त रूख कोचिंग सेंटरों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्राइवेट कोचिंग सेंटर को फटकार लगाते हुए कहा गया कि इस मामले में उन्हें ज्यादा कूदने की जरूरत नहीं है।
कोचिंग सेंटर ने अपनी याचिका में कहा था कि ओएमआर के इवैल्यूएशन को लेकर एनटीए ने शिकायतों के निवारण करने का कोई भी सिस्टम नहीं बनाया था तो जस्टिस मनोज मिश्रा और एवीएन भट्टी की वेकेशन बैच की तरफ से कहा गया कि कोचिंग सेंटर का कौन सा मौलिक अधिकार इस वजह से छिन गया जिसकी वजह से आर्टिकल 32 के तहत याचिका फाइल की गई थी।
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वहीं पर कोचिंग सेंटर के सीनियर वकील की तरफ से कहा गया कि अगर कोर्ट कोचिंग सेंटर की याचिका को नहीं मान रहा है तो दूसरे चार स्टूडेंट्स ने भी सीट में कमियों को लेकर यह याचिका फाइल किया है। लेकिन एनटीए के द्वारा निवारण का कोई भी विकल्प प्रदान नहीं किया गया है। एनटीए के वकील वर्धमान कौशिक की तरफ से कहा गया कि नीट यूजी में हुई गड़बड़ियों को लेकर लगातार पहले से ही सुप्रीम कोर्ट सख्त मूड में है और 8 जुलाई को शुरू होने वाली सुप्रीम कोर्ट में होना सुनिश्चित है।
बेंच की तरफ से कहा गया कि हम देख रहे हैं की कोचिंग सेंटर इस मामले में उकसाने और अपने पीछे गड़बड़ी करने का लगातार काम कर रहे हैं। इस मामले में उनकी कोई भी भूमिका नहीं है। कोचिंग खत्म होने के साथ ही आपका काम पूरा हो चुका है आपने कोचिंग में पढ़ लिया और आपका मामला समाप्त हो चुका है और 8 जुलाई को सभी याचिका एक साथ सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने जा रही है।
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तरफ से मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में जो अनियमिताएं हुई है वह गड़बड़ी हुई है उसे जुड़े मामले को संसद में चर्चा की मांग किया गया। शुक्रवार को कहा गया कि विपक्ष युवाओं से जुड़े इस विषय पर सामांजस्य तरीके से चर्चा करना चाह रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसमें जरूर भाग लेना चाहिए। संसद भवन में संवाददाताओं से भी यह कहा गया कि संसद से यह सन्देश जाना चाहिए कि देश की सरकार और विपक्ष मिलकर छात्रों के हितों की बात कर रहे हैं।
वहीं लोकसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तरफ से कहा गया कि हम विपक्ष और सरकार की ओर से भारत के छात्रों को एक संदेश देना चाहते थे कि हम इस मुद्दे को जरूरी मानते हैं। इसलिए हमने सोचा कि छात्रों सम्मान के लिए हम आज नीट पर चर्चा करेंगे और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का भी साथ इसमें मिल गया है। यह कहा गया कि युवा घबराए हुए हैं संसद से संदेश जाना चाहिए उन्हें भरोसा मिलना चाहिए हालांकि 8 जुलाई की सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई होने जा रही है।