Old Pension Scheme And 8th Pay Commision: केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद अब कर्मचारी संगठन के माध्यम से अपनी लंबित पड़ी मांगों को लेकर एक्टिव हो चुके हैं। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक तरफ मांग की जा रही है वहीं पर आठवे वेतन आयोग को लेकर मांग की जा रही है। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल आफ एक्शन अन्य और जका के संयोजक और एआईडीएफ के जो महासचिव शिव गोपाल मिश्रा है उनकी तरफ से 11 जून को प्रधानमंत्री मोदी को अपने पत्र में यह लिखा कि 1 जनवरी 2004 के बाद से सरकारी सेवा में कार्य करने वाले कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
पत्र में यह भी लिखा गया कि गंभीरता से पुरानी पेंशन योजना पर निर्णय लिया जाए और आठवे वेतन आयोग को लेकर भी जल घोषणा किया जाए काफी लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों के माध्यम से पुरानी पेंशन योजना बहस के जाने की मांग की जा रही है। इसके अलावा आठवीं वेतन आयोग के लिए आयोग के गठन को लेकर अब मांग की जाने लगी है क्योंकि सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था अब आठवे वेतन आयोग की सिफारिश में लागू किए जाने को लेकर कर्मचारी संगठनों ने मांग करना शुरू कर दिया है।
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कर्मचारी संगठनों के माध्यम से प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आप अपने संकल्प को पूरा करें और ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के करीब 9 लाख सदस्यों सरकार की सभा में अवश्य सहभागी रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र यह बताया गया की उम्मीद की जा रही है फिर पुरानी पेंशन बहाली पर और आठवे वेतन आयोग पर सरकार के माध्यम से ठोस कदम उठाए जाएंगे। ताकि कर्मचारियों की मांगे पूरी हो। कर्मचारी संगठन के माध्यम से 21 सूत्रीय मांगों पर मांग पत्र दिया गया।
कर्मचारियों की तरफ से मांग की गई पुरानी पेंशन योजना में बढ़ोतरी की जाए इसके अलावा रिटायर होने के पहले कर्मचारियों की सैलरी का 50 फीसदी मासिक पेंशन के रूप में भुगतान किया जाए। लंबे समय से कर्मचारियों के माध्यम से पुरानी पेंशन योजना को लेकर मांग की जा रही है। कर्मचारियों के माध्यम से कहा जा रहा है नई पेंशन स्कीम कर्मचारी मंजूर नहीं कर रहे हैं कर्मचारियो का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना ही लागू किया जाए।
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सरकारी कर्मचारियों के माध्यम से गारंटीकृत पेंशन पेंशन योजना को लागू किया जाए कर्मचारियों के माध्यम से कहा गया कि सरकार के लिए जब 24 घंटे में काम करते हैं युद्ध आपातकाल व कोरोना जैसी महामारी और कोई भी अंतर हो सरकारी कर्मचारियों के द्वारा आगे बढ़कर काम किया गया है। तो ऐसे में पेंशन योजना को लागू किया जाए और नई पेंशन के लिए 10 फीसदी कटौती न किया जाये।
आठवे वेतन आयोग के बारे में बात कर लिया जाए तो सैलरी में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा। क्योंकि आठवां वेतन आयोग जल्द ही गठित होने जा रहा है। सरकार के गठन के बाद इस पर जल्द फैसला होने जा रहा है। फिलहाल अभी आठवे वेतन आयोग को लेकर जल्द इंतजार समाप्त होगा। लेकिन संसद में काफी पहले मांग उठ चुका है। अब फिर से जून को संसद चलने वाला है और 24 जून को संसद चलने के दौरान आठवे वेतन आयोग के गठन को लेकर काफी बड़ी व महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।
कर्मचारियों को सत्र 2025-26 तक इंतजार करना होगा। आठवे वेतन आयोग के गठन के लिए थोड़ा सा वक्त लगेगा। लेकिन उम्मीद है कि वर्ष 2026 में आठवें वेतन आयोग को लागू किया जा सकता है। क्योंकि इसमें फिटमेंट फैक्टर के फार्मूले पर सैलरी नहीं बढ़ेगी। बल्कि किसी दूसरे फार्मूले से इस बार वेतन बढोत्तरी किया जा सकता है। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर के फार्मूले पर सैलरी बढ़ी थी। लेकिन इस बार नए फार्मूले का उपयोग किया जा सकता है प्रत्येक 10 वर्ष में नए आयोग का गठन होता है।
जब चौथा वेतन आयोग आया तो 27.6 फ़ीसदी वेतन के बढ़ोतरी हुई। पांचवें वेतन आयोग में 31 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई और छठवें वेतन आयोग में 54 फ़ीसदी का इजाफा देखने को मिला तो इसके अलावा वर्ष 2014 में सातवें वेतन आयोग का गठन हुआ तो इसके अनुसार फिलहाल 2.57 गुना वेतन में बढ़ोतरी हुई अब आठवे वेतन आयोग के अनुसार काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन इस बार वेतन बढ़ोतरी का नया फार्मूला तय होगा इस बार कर्मचारियों के वेतन में 44.44% की वृद्धि की जा सकती है और न्यूनतम वेतन ₹26000 हो सकता है।
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आठवें वेतन आयोग को लेकर यह सबसे बड़ा संसय की स्थिति बनी हुई हैं। कि आठवे वेतन आयोग का गठन होगा या फिर नहीं होगा? क्योंकि इस संबंध में अभी ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं दिख रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के माध्यम से लोकसभा में इससे साफ इनकार किया गया था। हालांकि सूत्र की माने तो वेतन आयोग का गठन नई सरकार के गठन के बाद जल्द शुरू होगा और सरकार कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहिए। क्योंकि आगामी समय में बहुत से चुनाव होने हैं और इन चुनाव को ध्यान में रखते हुए वेतन आयोग का गठन जल्द किया जा सकता है।