NEET UG Cancel Today: नीट यूजी की परीक्षा के आयोजन में जो खामियां आई हैं वह भविष्य में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परीक्षा में फिर से ऐसी खामियां देखने को ना मिले। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के लिए फिर से एक आदेश जारी कर दिया है। और दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है साथ ही अदालत के माध्यम से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के कामकाज के समीक्षा करने और परीक्षा सुधारो की सिफारिश करने के लिए पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा नियुक्ति समिति के दायरे का विस्तार भी किया गया। कोर्ट की तरफ से उस रिपोर्ट दाखिल करने की जो समय सीमा है वह 30 सितंबर तय किया गया है नीट यूजी के नए आदेश को लेकर पूरी जानकारियां बताई गई हैं।
नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया फिर से आदेश ( NEET UG Latest Update )
नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से फिर से आदेश जारी किया गया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति देवी पादरी वाला अन्य मनोज मिश्रा की जो पीठ है उनकी तरफ से शुक्रवार को नीट यूजी में गड़बड़ी समेत और अनितमिताओ के खिलाफ दायर याचिका पर विशेष फैसला सुनाया गया और निर्देश दिया गया चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के माध्यम से कहा गया कि सरकार नीट यूजी के प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा केंद्र पर सुरक्षित पहुंचना और सुरक्षित रखना और संबंधित परीक्षार्थियों को समय पर देने और कड़ी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कड़े दिशा निर्देश तैयार किया जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से कहा गया कि समिति को पूरी सुरक्षा प्रदर्शित के साथ परीक्षा आयोजित करवाने के लिए इन सात चीजों पर आवश्यक काम करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने नियम कायदे के साथ सुझाव नीट यूजी परीक्षा को लेकर दिए
नीट यूजी परीक्षा मामले में जो कमियां वर्तमान में देखने को मिली है वह भविष्य में देखने को न मिले जिनको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश और सुझाव दिया है। मौजूदा प्रक्रिया का मूल्यांकन किया जाए। मानक संचालन प्रक्रिया और परीक्षा केंद्र आवंटित करने की प्रक्रिया की समीक्षा किया जाए। पहचान की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के स्तर को बढ़ाया जाए और उसे एडवांस बनाया जाए। परीक्षा केन्द्रों की सीसीटीवी निगरानी की जाए। प्रश्न पत्रों में हेरा फेरी ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए उनके लाने ले जाने की व्यवस्था सुरक्षित हो एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की सिफारिश करना सुप्रीम कोर्ट ने यह सुझाव दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से यह भी कहा गया है कि किसी छात्र को फैसले में हल किया गया मुद्दों से संबंधित किसी प्रकार की व्यक्तिगत अगर परेशानी है या शिकायत है तो वह संबंधित उच्च न्यायालय में जाने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होगा और प्रश्न पर सार्वजनिक होने की घटनाएं केवल पटना हजारी बाग तक की यह समिति प्रश्नपत्रों का कोई व्यवस्थित तौर पर दुरुपयोग नहीं किया गया। इसी वजह से इस परीक्षा को निरस्त नहीं किया गया ना ही इसका कोई पूरा एग्जाम आयोजित किया गया है और भविष्य में पेपर की सुरक्षा और भी कड़ी हो इसके लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।