Shikshamitra Anudeshak News: शिक्षामित्र और अनुदेशकों के मानदेय बढ़ोतरी को लेकर काफी बड़ी खबर आ चुकी है। परिषदीय विद्यालयों में जैसे कि अनुदेशक भी तैनात हैं और शिक्षामित्र भी तैनात हैं और दोनों ही संविदा पर कार्य कर रहे हैं लेकिन इनके मानदेय को अभी तक बढ़ाया नहीं गया है शिक्षामित्र को ₹10000 के हिसाब से प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है तो वहीं पर अनुदेशकों को भी 10000 से कम मानदेय मिल रहा है परिषदीय विद्यालय में तैनात अनुदेशक और शिक्षामित्र को नई शिक्षा नीति के अनुसार अपने नियमितीकरण और नियमितीकरण होने तक 12 माह का समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग की गई है पूरी जानकारी शिक्षामित्र और अनुदेशकों के मानदेय बढ़ोतरी को लेकर बताई गई है।
शिक्षामित्र और अनुदेशकों के मानदेय बढ़ोतरी पर बड़ी खबर
शिक्षामित्र और अनुदेशकों के मानदेय बढ़ोतरी को लेकर बात कर लिया जाए तो अनुदेशकों के माध्यम से लंबित मांग के समाधान के लिए मंगलवार को बेसिक शिक्षा विद्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया और सुबह काफी संख्या में अनुदेशक भी निदेशालय पहुंचे। इसके अलावा शिक्षामित्र की तरफ से ज्ञापन सौंप कर मांग की गई कि शिक्षामित्र का मानदेय बढ़ाया जाए और शिक्षामित्र को नियमित किया जाए शिक्षामित्र का समायोजन 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद इन्हें ₹1000 के हिसाब से मानदेय मिल रहा है उम्मीद की जा रही है शिक्षामित्र के मानदेय में बढ़ोतरी के आदेश सरकार ज्यादा पारित कर सकती है।
अनुदेशकों ने मानदेय बढ़ोतरी को लेकर सोपा ज्ञापन
अनुदेशकों के माध्यम से सुबह काफी संख्या में अनुदेशक निदेशालय पहुंचे और विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वह धरने पर बैठ गए इसकी सूचना पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने भी उनकी महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात का जो प्रस्ताव है वह दिया और अनुदेशकों ने इसे भी ठुकरा दिया स्थिति अनुदेशक कल्याण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह के माध्यम से बताया गया कि महानिदेशक से कई बार वार्ता भी हो चुकी है लेकिन इसका कोई भी अभी तक निष्कर्ष नहीं निकला है। ऐसे में अब वह प्रमुख सचिव या मुख्य सचिव से ही वार्ता करेंगे। उनकी तरफ से कहा गया कि वह तब तक धरने में बैठे रहेंगे जब तक कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है।
शिक्षामित्र और अनुदेशकों की यह है प्रमुख मांगे
शिक्षामित्र और अनुदेशकों की मांगों के बारे में बात कर लिया या तो शिक्षामित्र अनुदेशक लंबे समय से ही यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें नियमित किया जाए अनुदेशक यह मांग कर रहे हैं कि स्वतः नवीनीकरण की व्यवस्था लागू हो उनके खिलाफ चल रहे हैं मुकदमे भी वापस हो। महिला अनुदेशकों की जिस जिले में शादी हुई है वहां उनका तबादला हो आयुष्मान योजना का उनका लाभ दिया जाए। असमाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी दे। और सीएल व महिलाओं को सीसीएल भी दिया जाए इसके अलावा शिक्षामित्र की मांगे है कि उनके मानदेय को बढ़ाया जाए सरकार अगर नियमितीकरण का रास्ता अपनाये तो सरकार उनको नियमित करें इसके अलावा उनकी और रिटायरमेंट उम्र 62 वर्ष हो।