8th Pay Commission News: सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए काफी अच्छी खुशखबरी आ चुकी है। सरकार के माध्यम से आठवे वेतन आयोग के गठन पर विचार किया जा रहा है। राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श मशीनरी के स्टाफ साइट के सचिव गोपाल मिश्रा के माध्यम से एक मांग की गई है मांग यह की गई है कि जो एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स है उनके लिए आठवे वेतन आयोग की मांग किया गया है उनका यह भी कहना है कि देश की मजबूत आर्थिक स्थिति और विकास को देखते हुए और यह बिल्कुल उचित समय है की आठवे वेतन आयोग की घोषणा तुरंत हो।
राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श मशीनरी की एक महत्वपूर्ण जो कि मंच है और यह सरकारी कर्मचारी और सरकार के बीच संवाद करने का पूरा कार्य करता है। यह मंच कर्मचारियों की समस्या विवादों को सुलझाने हेतु पूरी तरीके से काम करता है। इस मंच के माध्यम से पहले ही सरकार को दो मेमोरेंडम भेजा गया है जिसमें आठवे वेतन आयोग के गठन के यहां पर मांग की गई है आठवे वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों ने भी अपनी मांग रखी है क्या मांग रखी है यह भी नीचे जानकारियां बताई गई हैं।
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कर्मचारियों के माध्यम से आयोग के गठन की मांग की गई है। जो की एनसी-जेसीएम का स्टाफ साइट के सचिव में गोपाल मिश्र की तरफ से वित्तीय सचिव कारण पांडे से मुलाकात किया गया और यह मांग दोबारा उठाई गई कि आठवे वेतन आयोग के गठन की जरूरत के बारे में भी उन्होंने विस्तार से चर्चाएं भी की इसके अलावा भारत की जीडीपी तेजी से वर्तमान में काफी बढ़ रही है और जितने भी सेक्टर है वह तरक्की भी लगातार कर रहे हैं देश की आर्थिक स्थितियां भी लगातार मजबूत हो रहे हैं ऐसे में आठवे वेतन आयोग का गठन न करना अभी समझ से बाहर है ऐसा चर्चाएं की गई है।
वहीं पर मिश्रा जी का यह कहना है कि इस समय देश की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत दिख रही है और विकास भी देखने को मिल रहा है। कर्मचारियों का वेतन और भत्ता में सुधार की जरूरत है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि कर्मचारियों के वेतन में कितना बढोत्तरी होगा यह तो आगामी समय तय करेगा। लेकिन कर्मचारियों के वेतन में काफी ज्यादा इजाफा इस बार देखने को मिल सकता है। वेतन में बदलाव हेतु वेतन आयोग का गठन सबसे पहला कदम माना जाता है जैसे ही आयोग गठित होता है इसके बाद सभी पक्षों से चर्चा होता है और सभी सिफारिश में सरकार को सौप जाता है।
वेतन आयोग जैसे गठित होता है सभी पक्षों से यह चर्चा करता है। फीस अपने से भाषणों को सौंपता है फिर सिफारिश का उद्देश्य कर्मचारियों का वेतन और महत्व में यहां पर सुधार करना होता है। लेकिन वेतन आयोग के सिफारिश को लागू करना सरकारी खजाने पर थोड़ा वित्तीय भार तो पड़ता है। सातवें वेतन आयोग के सिफारिश को लागू करने पर 2017 में सरकार को एक लाख करोड रुपए का वित्तीय बोझ यहां पर पड़ा था और इस वजह सरकार को वेतन आयोग के सिफारिश पर विचार करते समय ध्यान यहां पर रखना पड़ता है ताकि इसका प्रभाव सरकारी वित्त पर ना पड़े।
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2016 में सातवें वेतन आयोग को लागू किया गया था वह सामान्य हर 10 वर्ष में वेतन आयोग का गठन होता है ताकि कर्मचारियों का जो वेतन है पेंशन है यहां पर सुधार हो सके पिछला सातवें वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था और जिसकी सिफारिश से जनवरी 2016 में लागू हुई थी। हालांकि आठवे वेतन आयोग पर सरकार के माध्यम से कोई अधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है। सातवें वेतन आयोग की घोषणा चुनाव पूर्व बजट का ही यहां पर हिस्सा था इसलिए आठवे वेतन आयोग की घोषणा में देरी को लेकर तुलना यहां पर सही नहीं है लेकिन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आज पोस्ट किया था कि फिलहाल सरकार के पास आठवे वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव यहां पर विचाराधीन नहीं है।