UPPCS PRE Exam Postponed News: उत्तर प्रदेश में पीसीएस प्री एग्जाम को दो दिनों में कराए जाने पर लोकसेवा आयोग के माध्यम से भले ही फैसला ले लिया गया है लेकिन यह परीक्षा पर अभी संकट मंडरा रहा है और यह परीक्षा स्थगित की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद परीक्षाओं पर काफी संकट आ चुका है। आपको बता दिया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है जिसमें यह कहा गया है कि चयन और भर्ती प्रक्रिया के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से पीसीएस की परीक्षा दो दिन यानी 7 और 8 दिसंबर को कराए जाने की तैयारी चल रही है। तो इसी भी सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश का अभ्यर्थी हवाला दे रहे हैं और लोक सेवा आयोग कह रहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा कर रहे हैं। अवलोकन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा नोटिफिकेशन जब जारी हुआ था तो एक ही दिन परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित होने वाली थी। लेकिन बीच में ही अभी से 2 दिन परीक्षा कराने पर निर्णय ले लिया गया तो ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का यह उल्लंघन होगा।
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यूपीपीसीएस प्री एग्जाम को लेकर ताजा अपडेट आ चुकी है वैसे तो लोक सेवा आयोग अभी भी असमंजस में है कि पीसीएस की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को कराई जाए या फिर न कराई जाए! क्योंकि लोक सेवा आयोग अपने निर्णय पर फिर से पलट सकता है। दिसंबर में दो बड़ी परीक्षाएं प्रस्तावित है पहली परीक्षा तो पीसीएस की परीक्षा दूसरी परीक्षा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के परीक्षा दोनों परीक्षा पर संकट के बादल हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन परीक्षाओं टाला भी जा सकता है।
दो दिवसीय परीक्षा व नॉर्मलाइजेशन व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए प्रतियोगी संघर्ष समिति के माध्यम से यह बताया गया कि पीसीएस हेतु बीच में नियम में बदलाव किया गया है और ऐसे में अभ्यर्थी कानूनी लड़ाई भी लड़ सकते हैं। पुराना पैटर्न बदलते हुए नॉर्मलाइजेशन का निर्णय ले लिया गया है। परीक्षा प्रक्रिया को ही अब बदल दिया गया है। ऐसे में 11 नवंबर को आयोग के बाहर अभ्यार्थी प्रदर्शन भी करने वाले हैं और मांग भी करेंगे कि पुराने पैटर्न के आधार पर ही परीक्षा कराई जाए बीच में नियम ना बदले जाए।
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यूपीपीसीएस प्री एग्जाम को लेकर आज की काफी बड़ी खबर है आप सभी को बता दिया जाता है कि अभ्यर्थी तब तक बाहर प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक की आयोग दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय वापस नहीं लेता है। न्यायालय में अभ्यर्थी इसको चुनौती भी दे सकते हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट संविधान पेट के महत्वपूर्ण निर्णय को आधार बनाया जाएगा। उधर आयोग के सूत्रों का यह कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अवलोकन किया जा रहा है। इसके प्रभाव के आधार पर आयोग किसी निष्कर्ष तक का पहुंच सकेगा। केंद्र मिलने की वजह से केवल विशेष परिस्थितियों में दो दिवसीय परीक्षा करने वाले लोक सेवा आयोग के माध्यम से लिया गया है।