UGC NET New Rules Good News: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के नियमों में परिवर्तन कर दिया गया है। यह नए नियम अब शिक्षा क्षेत्र में काफी बड़ा बदलाव साबित करने वाले हैं। जिसके तहत मास्टर डिग्री धारकों को काफी बड़ा फायदा मिलेगा। यानी कि यूजीसी नेट की अनिवार्यता को हटाने का प्रस्ताव रखा गया है जो कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए है यूजीसी नेट जरूरी था।
यूजीसी के इस नए नियम को भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन माना जा रहा है। अब इससे न केवल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव होगा बल्कि युवा प्रतिभाओं को शिक्षण क्षेत्र में आने का एक नए अवसर भी प्रदान कर करने जा रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 के लक्षणों के जो अनुरूप यह नियम है यूजीसी नेट है तो नए नियमों को लेकर पूरी जानकारियां बताई गई हैं।
UGC NET नए नियम को लेकर बड़ी खबर ( UGC NET New Rule Latest News )
यूजीसी नेट नए नियम को लेकर काफी बड़ी खबर आ चुकी है आप सभी की जानकारी के लिए बता देते हैं कि यूजीसी के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर पद हेतु नई योग्यताओं को यहां पर प्रस्तावित किया गया है। इन नए नियमों के तहत एमई या फिर एमटेक में 55% अंकों के साथ स्नाकोत्तर डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे सिस्टम परमिशन पद हेतु पात्र माने जाएंगे। पीएचडी धारक उम्मीदवार जिन्होंने स्नातक में 75% या फिर स्नाकोत्तर में 55% अंकों प्राप्त किया है वह भी अब इस पद के लिए योग्य होंगे।
यूजीसी नेट की अनिवार्यता पूरी तरीके से तो समाप्त नहीं हुई है लेकिन कुछ शर्तों के साथ यह यूजीसी नेट के बिना भी आप असिस्टेंट प्रोफेसर और कुलपति बन पाएंगे। जो कि शिक्षा के क्षेत्र में यह काफी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यूजीसी ने केवल शैक्षिक क्षेत्र में बल्कि विभिन्न प्रकार के पेशेवर क्षेत्र से भी प्रतिभाओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। जैसे कि उद्योग जगत के अनुभवी पेशेवर अब असिस्टेंट प्रोफेसर बिना नेट यूजीसी नेट के बन पाएंगे। सार्वजनिक प्रशासन के विशेषज्ञ सार्वजनिक नीति के जो जानकारी हैं अनुसंधान संस्थानों के जो वरिष्ठ शोध कर्ता है यह अब बिना यूजीसी नेट के भी कुलपति या फिर असिस्टेंट प्रोफेसर बन पाएंगे।
यूजीसी नेट के बिना असिस्टेंट प्रोफेसर और कुलपति ( UGC NET New Rule Latest Update )
यूजीसी नेट के बिना भी आप असिस्टेंट प्रोफेसर या फिर कुलपति बन पाएंगे। आप सभी की जानकारी के लिए बता दिया जाता है कि अब कुलपति बनने हेतु नये मानदण्ड प्रस्तावित है। जैसे कि 10 साल का वरिष्ठ स्तर का अनुभव रखने वाले औद्योगिक क्षेत्र में या फिर वरिष्ठ प्रशासन क्षेत्र में या फिर क्षेत्र निर्माण या पीएसयू के पेशेवर भी इस पद हेतु का पात्र माने जाएंगे। कुलपति की चयन समिति अब तीन सदस्य यहां पर होने जा रही है। जिसमें विजिटर या फिर चांसलर या यूजीसी और विश्वविद्यालय के जो शेष निकाय हैं के नामांकित व्यक्ति यहां पर सम्मिलित होंगे। यूजीसी ने 5 फरवरी 2025 तक इन नए नियमों के लिए फीडबैक मांगा है इसके बाद यह नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।